नई दिल्ली -। अयोध्या मामले पर मंगलवार को 39वें दिन की सुनवाई पूरी हो गई। बुधवार तक बहस पूरी होने की उम्मीद है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि सीएस वैद्यनाथन बुधवार को 45 मिनट और बहस करेंगे। इस पर राजीव धवन एक घंटे जवाब देंगे। उसके बाद दोनों पक्षों को अपनी दलील पर बोलने के लिए 45-45 मिनट दिया जाएगा।उसके बाद सुप्रीम कोर्ट मोल्डिंग ऑफ रिलीफ़ पर बहस कर सकता है। मोल्डिंग ऑफ रिलीफ़ का मतलब है कोर्ट में पक्षकारों द्वारा जो मांग की गई होती है, कोर्ट उस मांग से अलग कुछ सुझाव देता है। मतलब अगर किसी पक्ष का दावा पूरी जमीन पर है तो कोर्ट पूछ सकता है कि क्या जमीन के किसी हिस्से पर समझौता हो सकता है? सुनवाई की शुरुआत में आज राजीव धवन ने कोर्ट को बताया कि निर्मोही अखाड़ा के वकील सुशील जैन की मां का निधन हो गया है, इसलिए आज वो अपनी दलील नहीं देंगे। उसके बाद हिन्दू पक्ष के वकील के परासरन ने सुन्नी वक्फ़ बोर्ड की दलील पर जिरह करते हुए कहा कि बाबर जैसे विदेशी आक्रमणकारी को हिंदुस्तान के गौरवशाली इतिहास को ख़त्म करने की इजाज़त नहीं दी जा सकती। अयोध्या में राममन्दिर को विध्वंस कर मस्जिद का निर्माण एक ऐतिहासिक ग़लती थी जिसे सुप्रीम कोर्ट को अब ठीक करना चाहिए । परासरन ने कहा कि हिन्दुओं ने भारत के बाहर जा कर किसी पर आक्रमण नहीं किया बल्कि बाहर से आक्रमणकारियों ने भारत में आ कर तबाही मचाई। हमारा स्वभाव अतिथि देवो भव की रही है । परासरन ने कहा कि हिंदुओं ने भगवान राम के जन्मस्थान के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी है। हमारी सदियों से आस्था है कि वहां भगवान राम का जन्मस्थान है और मुस्लिम कह रहे हैं कि मस्जिद उनके लिए हेरिटेज प्लेस है।
बुधवार को पूरी होने की उम्मीद अयोध्या मामले की सुनवाई